Pankaj Udhas Death:नहीं रहे वर्ष (2006) में पद्मश्री से सम्मानित Best सिंगर पंकज उधास

Pankaj Udhas Death: बॉलीवुड के मशहूर ग़ज़ल सिंगर पंकज उधास के निधन की न्यूज़ सुन कर पूरी बॉलीवुड इंडस्ट्री और उनके फैंस शौक रह गए. सिंगर पंकज उधास ने 72 साल की उम्र में अंतिम साँस 26 फरवरी 2024 को ली. इनकी निधन की खबर इनकी बेटी नायाब उधास ने दी. निधन की खबर सुन कर pm मोदी से लेकर सभी सिंगर तथा सेलेब्रेटी श्रदांजलि सोशल मिडिया पर दे रहे है|

 

Pankaj Udhas Death

Pankaj Udhas Death:

इंटरटेनमेंट जगत के गायक पंकज उधास का निधन 72 साल की उम्र में हो गया. इनके निधन की खबर इनकी बेटी नायाब उधास ने सोशल मिडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा की बहुत दुख के साथ हमें ये आपको बताना पड़ रहा है कि पद्मश्री पंकज उधास का 26 फरवरी 2024 को निधन हो गया है.वो उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे. 10 दिन पहले अस्पताल में भर्ती हुए थे. उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक पंकज उधास को कुछ महीने पहले कैंसर डिटेक्ट हुआ था .और वो पिछले कुछ महीने से किसी से मिल नहीं रहे थे|

पैंक्रियाज कैंसर से जूझ  रहे थे पंकज उधास

Pankaj Udhas Death:इस बीमारी का खुलासा अनूप जलोटा के किया गया उन्होंने कुछ मिडिया से बात करते हुए यह बताया की पंकज उधास को पैंक्रियाज का कैंसर था. उन्हें चार महीने पहले ही इसके बारे में पता चल गया था.हालांकि इनकी निधन किस कारन हुआ ये अभी पता नहीं चला है|

पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

Pankaj Udhas Death:पंकज उधास की निधन की खबर सुनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जाहिर किया है. पीएम मोदी ने लिखा- ‘हम पंकज उधास जी के निधन पर शोक जाहिर करते हैं, जिनकी गायिकी कई तरह की भावनाओं को जाहिर करती थीं और जिनकी गजलें सीधे आत्मा से बात करती थीं, वह भारतीय संगीत के एक प्रकाश स्तंभ थे, जिनकी धुनें पीढ़ियों से चली आ रही थीं. मुझे पिछले कुछ सालों में उनके साथ हुई अपनी अलग-अलग बातचीत याद हैं. उनके जाने से संगीत जगत में एक खालीपन आ गया है जिसे कभी नहीं भरा जा सकेगा. उनके परिवार और फैंस के लिए संवेदनाएं. ओम शांति.’

पंकज उदास का जीवन संघर्ष

Pankaj Udhas Deathपंकज उधास का जन्म 17 मई 1951 को गुजरात के जीतपुर में हुआ था. उनके पिता  किसान थे. दोनों भाई भी सिंगर थे. इनको सिंपल लाइफ जीना पसंद था 1980 में उनका पहला एल्बम ‘आहट’ आया था. इसमें कई गजलें उन्होंने गाई थीं. तभी से लोग इनके सिंगिंग का मुरीद हो गए इसके बाद इन्होने ‘जिएं तो जिएं कैसे बिन आपके…’, ‘चिट्ठी आई है…’, ‘चांदी जैसा रंग है तेरा, सोने जैसे बाल…’, ‘ना कजरे की धार, ना मोतियों के हार…’ जैसे बहुत से ग़ज़ल गाये जिसे बहुत पसंद किया गया|

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भारत सरकार द्वारा सम्मानित 

यह गायिकी में इतने प्रसिद्ध हो गए थे की भारत सरकार ने इन्हे वर्ष 2006 में पद्मश्री से सम्मानित किया था|

 

 

 

 

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