Gas Price Hike:गैस की कीमतों में आज 50 रूपये की बढ़ोतरी आम लोगों पर महंगाई की मार

Gas Price Hike:रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी हो गई है। यह खबर आम लोगों के लिए परेशानी बढ़ाने वाली है। सरकार ने एलपीजी सिलेंडर के दाम में 50 रुपये की बढ़ोतरी की है। यह नई कीमतें आज आधी रात से लागू होंगी। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यह घोषणा की। इससे पहले पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी बदलाव हुआ था। अब गैस की कीमत बढ़ने से घर का बजट बिगड़ सकता है। आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं।

Gas Price Hike

कीमतों में कितनी बढ़ोतरी हुई?

एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये का इजाफा हुआ है। पहले 14.2 किलो का घरेलू सिलेंडर 803 रुपये में मिलता था। अब यह 853 रुपये का हो गया है। यह बढ़ोतरी उज्ज्वला योजना वालों और सामान्य ग्राहकों दोनों के लिए है। उज्ज्वला योजना में गरीब परिवारों को सस्ता सिलेंडर मिलता है। वहां कीमत 500 रुपये से बढ़कर 550 रुपये हो गई है। यह बदलाव तुरंत लागू होगा। लोग अब सोच रहे हैं कि इससे उनकी जेब पर कितना असर पड़ेगा।

क्यों बढ़ाई गई कीमतें?

कीमतें बढ़ने का कारण समझना जरूरी है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में बदलाव हुआ है। कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव चल रहा है। इसके अलावा, विदेशी मुद्रा की दर भी प्रभाव डालती है। मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि यह फैसला जरूरी था। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें नहीं बदलेंगी। इसका मतलब है कि पंप पर आपको वही दाम देने होंगे। यह बोझ तेल कंपनियां उठाएंगी। फिर भी, गैस की कीमत बढ़ने से लोग परेशान हैं।

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लोगों पर क्या असर होगा?

गैस की कीमत बढ़ने से हर घर प्रभावित होगा। खाना बनाने के लिए गैस जरूरी है। अब एक सिलेंडर के लिए 50 रुपये ज्यादा देने पड़ेंगे। महीने में एक सिलेंडर इस्तेमाल करने वाले परिवार को साल में 600 रुपये अतिरिक्त खर्च होंगे। जिनके घर में दो सिलेंडर लगते हैं, उनका खर्च और बढ़ेगा। छोटे दुकानदार और ढाबे वाले भी परेशान हैं। वे गैस पर खाना बनाते हैं। उनकी लागत बढ़ेगी। इससे खाने की चीजों के दाम भी बढ़ सकते हैं।

पेट्रोल और डीजल का क्या हाल?

आज पेट्रोल और डीजल पर भी खबर आई। सरकार ने इनकी उत्पाद शुल्क (एक्साइज ड्यूटी) में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की। लेकिन अच्छी बात यह है कि यह आम लोगों पर नहीं पड़ेगा। तेल कंपनियां इस बढ़ोतरी को सहेंगी। पेट्रोल पंप पर कीमतें वही रहेंगी। हालांकि, कुछ लोग कह रहे हैं कि यह फायदा ग्राहकों को मिलना चाहिए था। कच्चा तेल सस्ता होने के बावजूद कीमतें कम क्यों नहीं हुईं? यह सवाल सबके मन में है।

पहले क्या हुआ था?

पिछले हफ्ते एक अच्छी खबर आई थी। 19 किलो के कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत 41 रुपये कम हुई थी। यह सिलेंडर होटल और रेस्तरां में इस्तेमाल होता है। उस समय कारोबारियों को राहत मिली थी। लेकिन अब घरेलू गैस की कीमत बढ़ने से मूड खराब हो गया है। मार्च में कमर्शियल सिलेंडर की कीमत 6 रुपये बढ़ी थी। फिर अप्रैल में यह कम हुई। लेकिन घरेलू सिलेंडर की कीमत स्थिर थी। अब अचानक यह बढ़ोतरी चौंकाने वाली है।

आम लोगों की प्रतिक्रिया

लोगों ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है। दिल्ली की एक गृहिणी रमा देवी ने कहा, “पहले ही सब कुछ महंगा है। अब गैस भी महंगी हो गई। घर चलाना मुश्किल हो रहा है।” एक ऑटो चालक रमेश ने कहा, “पेट्रोल की कीमत कम नहीं हुई। ऊपर से गैस महंगी। सरकार को सोचना चाहिए।” सोशल मीडिया पर भी लोग अपनी बात रख रहे हैं। कोई इसे महंगाई की मार कह रहा है। कोई सरकार से सवाल कर रहा है।

सरकार का जवाब

पेट्रोलियम मंत्री ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि यह फैसला बाजार की स्थिति को देखकर लिया गया। पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें नहीं बढ़ेंगी। यह आम लोगों के लिए राहत की बात है। लेकिन गैस की कीमतों पर कोई सब्सिडी की बात नहीं हुई। पहले उज्ज्वला योजना में सब्सिडी मिलती थी। अब यह कम हो गई है। सरकार का कहना है कि तेल कंपनियां घाटे में हैं। इसलिए यह कदम उठाना पड़ा।

अंतरराष्ट्रीय बाजार का प्रभाव

दुनियाभर में तेल की कीमतें बदलती रहती हैं। ओपेक देशों ने हाल में उत्पादन बढ़ाया है। इससे कच्चा तेल सस्ता हुआ। जनवरी में यह 7000 रुपये प्रति बैरल था। अब यह 5100 रुपये पर आ गया। यानी 30 प्रतिशत की कमी आई। लेकिन इसका फायदा ग्राहकों को नहीं मिला। सरकार ने ड्यूटी बढ़ा दी। कुछ विशेषज्ञ कहते हैं कि यह फैसला ठीक नहीं है। उनका मानना है कि सस्ते तेल का लाभ लोगों को देना चाहिए था।

भविष्य में क्या होगा?

अब सवाल यह है कि आगे क्या होगा। क्या गैस की कीमतें और बढ़ेंगी? विशेषज्ञों का कहना है कि यह अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर करेगा। अगर तेल सस्ता रहा, तो शायद कीमतें कम हों। लेकिन अभी कुछ कहना मुश्किल है। पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर हैं। लेकिन अगर तेल कंपनियों पर बोझ बढ़ा, तो वे सरकार से मदद मांग सकती हैं। तब शायद कीमतें बढ़ें।

लोगों को क्या करना चाहिए?

इस बढ़ोतरी से बचने के लिए लोग उपाय सोच रहे हैं। कुछ लोग गैस कम इस्तेमाल करने की बात कह रहे हैं। कोई कह रहा है कि बिजली से खाना बनाएं। लेकिन यह हर किसी के लिए संभव नहीं है। गरीब परिवारों के लिए यह बड़ा झटका है। उज्ज्वला योजना से उन्हें राहत मिली थी। अब वह भी कम हो रही है। लोग सरकार से सब्सिडी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।

दूसरी खबरें भी हैं

आज गैस के अलावा सीएनजी की कीमत भी बढ़ी। दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में यह महंगी हो गई। इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL) ने दाम बढ़ाए हैं। इससे गाड़ी चलाने वालों की परेशानी बढ़ेगी। पिछले कुछ दिनों में कई बदलाव हुए हैं। मारुति सुजुकी ने भी अपनी गाड़ियों के दाम बढ़ाने का ऐलान किया है। यह बढ़ोतरी 1 अप्रैल से लागू हुई थी।

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